सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर ने नौ महीने के लंबे अंतरिक्ष मिशन के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापसी की है। यह मिशन न केवल तकनीकी चुनौतियों से भरा था, बल्कि अंतरिक्ष यात्रियों की धैर्य और समर्पण की भी परीक्षा थी।
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Sunita Williams |
स्पेसएक्स ड्रैगन से सुरक्षित वापसी
बोइंग के स्टारलाइनर में आई तकनीकी दिक्कतों के चलते, नासा ने स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का उपयोग किया। 18 मार्च 2025 को, भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे, ड्रैगन कैप्सूल ने फ्लोरिडा के तट पर सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन किया। लैंडिंग के दौरान स्पेसक्राफ्ट का तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया था, जिससे लगभग सात मिनट तक संपर्क बाधित रहा।
घर वापसी पर स्वागत
सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी पर विश्वभर में खुशी की लहर दौड़ गई। भारत में, उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल था, परिवार के सदस्यों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और उनकी वापसी पर गर्व व्यक्त किया।
अमेरिका में व्हाइट हाउस ने भी इस अवसर पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, "वादा किया गया, वादा निभाया गया" राष्ट्रपति ट्रंप ने नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने का वचन दिया। आज वे सुरक्षित ढंग से अमेरिका की खाड़ी में उतर गए। इसके साथ ही, व्हाइट हाउस ने एलन मस्क, स्पेसएक्स और नासा को धन्यवाद दिया।
मिशन की शुरुआत
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के पहले मानव मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा शुरू की थी। इस मिशन का मूल उद्देश्य आठ दिनों का था, जिसमें उन्हें ISS पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग और अनुसंधान करने थे। हालांकि, स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खामियों के कारण यह मिशन अप्रत्याशित रूप से नौ महीने तक बढ़ गया। स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर में आई गड़बड़ी और हीलियम लीक जैसी समस्याओं ने उनकी वापसी में देरी की। लेकिन अंत भला तो सब भला।
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